A Simple Key For वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Unveiled
A Simple Key For वशीकरण मंत्र किसे चाहिए Unveiled
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मंत्र की उर्जा और प्रभाव को बढाने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है.
शेरों का एक समूह देवी कामाख्या की पूजा कर रहा है।
इस मंत्र का जाप एक शांत और पवित्र स्थान पर, स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर करना चाहिए। मंत्र जाप की विधि और मंत्रों की संख्या के बारे में किसी अनुभवी गुरु या पुस्तक से जानकारी प्राप्त करें।
विधि: शनिवार की रात्रि में इस मन्त्र का एक सौ एक जप करें। मन्त्रजप के समय घी का दीपक जलता रहे। गुग्गुल की धूनी दें तथा पुष्प और मिठाई प्रसाद के रूप में चढ़ाएं। फिर उस मिठाई को मन्त्र से अभिषिक्त करके जिसे भी खिला देंगे, वह वशीभूत होकर कहना मानने पर बाध्य हो जाएगा।
इस प्रकार अगले सात दिनों तक लगातार पूजा और जप करें। इस पूजा के लिए लाल आसन पर बैठें और खुद भी लाल वस्त्र पहनें।
वशीकरण मंत्र का उपयोग विभिन्न लोगों द्वारा विभिन्न कारणों से किया जाता है। यह मंत्र निम्नलिखित क्षेत्रों में सहायता प्रदान कर सकता है:
किसी भी साधना में अगर आप यंत्र का प्रयोग करते है तो इसका मतलब है आप उर्जा को एक जरिये में भेज रहे है.
माता अंजनी का हनुमान। मैं मनाऊं तू कहना मान। पूजा दें, सिन्दूर चढ़ाऊं ‘अमुक’ को रिझाऊं और उसको पाऊँ। यह टीका तेरी शान का। वह आवे, मैं जब लगाऊं। नहीं आवे तो राजा राम की दुहाई। मेरा काम कर नहीं आवे तो अंजनी की सेज पड़।
यह मंत्र धन और संपत्ति को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसके उच्चारण से, आप धन, संपत्ति, और आर्थिक सफलता की प्राप्ति में मदद कर सकते हैं।
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जाप के बाद केसर, गंगाजल आदि मिश्रित सिन्दूर का get more info तिलक लगाएं। तिलक लगाते ही सम्मोहन की शक्ति प्राप्त हो जाती है। जो भी तुम्हें देखेगा वह मोहित हो जाएगा.
ॐ नमो आदेश गुरु को राजा मोहूं प्रजा मोहूं मोहूं ब्राह्मण बनियां हनुमंत रूप में जगत मोहूं तो रामचन्द्र परमानियां गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा।
इस पुस्तक में आठ सिद्धियां दी गई हैं जिनको कि विधिपूर्वक करने से मनुष्य अवश्य सफल होता है। वह सिद्धियां इस प्रकार हैं। (१) वशीकरण विद्या (२) आकर्षण विद्या (३) अष्टसिद्धि (४) कायाकल्प विद्या (५) यक्षणी साधन (६) भूत विद्या (७) ओझा विद्या (८) यन्त्र, मन्त्र और तन्त्र विद्या । वह विद्या ऐसी हैं यदि विधिपूर्वक की जायं तो पूरा २ अब भी असर करती हैं। लेकिन सिद्धि कार्य कर्त्ता पर निर्भर है।
दूसरी लौंग दिखाए छाती, रूठे को मना लाए, बैठे को उठा लाए